अनुक्रमणिका – पासवान गुलाबराय में इस रोचक एवं बहुचर्चित ऐतिहासिक उपन्यास के अध्यायों का क्रम दिया गया है। यह उपन्यास ई-बुक तथा प्रिण्ट बुक के रूप में अमेजन पर भी उपलब्ध है। इस उपन्यास के कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक नवज्योति ने इसे धारावाहिक के रूप में भी प्रकाशित किया था।
- प्राक्कथन
- नव कोटि मारवाड़ के धणी
- मदमत्त मरहठे
- नया महाराजा
- रामसिंह का दूत
- रूपनगढ़ का राजकुमार
- काकड़की
- अहिच्छत्रपुर
- खोखर बड़ो खुराकी
- खोटी नजर
- संधि
- दियों में तेल
- संधि भंग
- पंचारिया बावरी
- जग्गू जगन्नाथ
- व्यंग्य बाण
- मोडा आत्माराम
- गढ़ के कैदी
- कटारें
- रुतबा
- सोने का प्याला
- गढ़ बीठली
- संताप
- गोड़वाड़
- अणदाराम की वडारण
- बालकृष्ण लाल
- मयूरगढ़ में वनमयूरी
- पड़दायत
- जाट राजा से दोस्ती
- पचास हजार राठौड़
- खण्डनी
- ऊन का गोला
- श्रीजी की गौएँ
- नाक का बाल
- अपनों से दुश्मनी
- स्वामीभक्त राणी
- परदेशियों की रोटी
- पासवान
- पट्टराणी शेखावतजी
- पश्चाताप
- तारां छाई रात!
- महारानी
- तेजकरण को जागीर
- महाराजा को इन्कार
- तिरिया हठ
- पलायन
- गालियाँ पर गालियाँ
- हरामखोर
- साँप को दूध
- सिर पर पाँव
- गणगौर
- चिर परिचित शत्रु
- कृष्णाजी जगन्नाथ
- तेजकरणसिंह
- मेहंदी भरे हाथ
- मराठों से अदाबदी
- फिर से गढ़ बीठली
- महादजी की शपथ
- रूपनगढ़ पर चढ़ाई
- मक्षिकापात
- बुढ़ापा
- भतीजे को कपड़े
- हाथियों की लड़ाई
- नाना का आदेश
- नये मित्र
- तैमूरशाह को निमंत्रण
- अविश्वास का सूत्रपात
- वकीलों की पंचायती
- खीची का पलायन
- जयपुर का पलटवार
- श्वसुर को उलाहना
- हाथी के दाँत
- शत्रु के आने की सूचना
- पाटन
- मेड़ता की ओर
- भगदड़
- आमिष
- दुर्दशा
- सही मंत्र
- उद्दण्ड चाम्पावत
- मक्कार की मक्कारी
- उत्तराधिकारी
- नागिन की फंुफकार
- दैत्याकार मशालें
- टेढ़ी निगाहें
- पचास हजार रुपये
- नया युवराज
- दगा ही दगा
- वकील का गुस्सा
- भवानीराम भण्डारी
- धोरों में नरमुण्ड
- महाषड़यंत्र
- जगन्नाथ की मुसीबत
- हाथी घोड़े पालकी
- महाराजा पर खंजर
- सिर पर खून सवार
- बरतनों की टकराहट
- जालमसिंह का विद्रोह
- पासवान की दुर्दशा
- प्रच्छन्न प्रसंग
- पिंजरे का पंछी
- फिर से गढ़
- छल!
- भाग्यहीन युवराज
- महाराजा का मौन
- अनंत गगन की ओर
- शब्द परिचय