Saturday, October 26, 2024
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मारवाड़

मारवाड़ के दो अर्थ हैं- मारवाड़ नामक सांस्कृतिक क्षेत्र तथा मारवाड़ नामक रियासत। इस शृंखला में मारवाड़ के इतिहास एवं संस्कृति पर आधारित लेख प्रकाशित किए गए हैं। मारवाड़ क्षेत्र भारत के पश्चिमी क्षेत्र में विस्तृत थार मरुस्थल में स्थित है।

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राजौरगढ़ दुर्ग

राजौरगढ़ दुर्ग

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बड़गूजरों ने राजस्थान में आठवीं से दसवीं शताब्दी के आस-पास राजौरगढ़, देवती, माचेड़ी, टहला, दौसा, भाण्डारेज, तीतरवाड़ा, कोलासर, शंकरगढ़, भानगढ़, राजगढ़, बयाना आदि स्थानों पर अधिकार किया।
दौसा दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

दौसा दुर्ग

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दौसा दुर्ग एक ऊंची और विशाल पहाड़ी पर बना हुआ है। लगभग 1000 साल पुराना यह दुर्ग, समुद्र तल से लगभग 1643 फुट ऊंचा है तथा पांच किलोमीटर की परिधि में बना हुआ है।
मांच दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

मांच दुर्ग (जमवा रामगढ़)

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मांच दुर्ग के बारे में यह उक्ति कही जाती है- जारूड़ो ज्यूं जोधपुर सांऊ ज्यूं सांगानेर। मांच तखत को बैठबो, ज्यूं आमेर।।
गलियाकोट दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

गलियाकोट दुर्ग

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गलियाकोट का प्राचीन नाम कोटनगर, कोट महादुर्ग तथा श्रीकोट है। यह वागड़ क्षेत्र का प्रमुख दुर्ग है तथा माहीसागर और महिये के बीच की...
बीकमपुर दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

बीकमपुर दुर्ग

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बीकमपुर गढ़ के मुख्य द्वार की तरफ एक शनिदेव मंदिर बना हुआ है जो अब लगभग 7-8 फुट धरती में धंस गया है।
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