Sunday, October 13, 2024
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राजस्थान में बौद्ध स्मारक एवं मूर्तियाँ

राजस्थान में बौद्ध स्मारक एवं मूर्तियाँ पुस्तक राजस्थान में बौद्ध धर्म के उत्थान, पतन तथा बौद्ध स्मारकों और मूर्तियों को केन्द्रित करके लिखी गई है।

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ऊंटाला दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

ऊंटाला दुर्ग (वल्लभ नगर)

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ई. 1952 में सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर ऊंटाला का नाम बदलकर वल्लभनगर कर दिया गया। अब लोग इसे वल्लभनगर के नाम से ही जानते हैं और ऊंटाला दुर्ग का इतिहास नेपथ्य में चला गया है।
एकलिंग गढ़ - www.rajasthanhistory.com

एकलिंग गढ़

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जब मराठा सरदार माधोजी सिंधिया ने उदयपुर पर आक्रमण किया तब महारणा अरिसिंह (द्वितीय) (ई.1761-73) ने एकलिंग गढ़ पर दुश्मनभंजन नामक तोप चढ़वाई।
रमथेड़ा दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

रमथेड़ा दुर्ग

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वर्तमान समय में रमथेड़ा दुर्ग में एक होटल चलता है जिसमें देश-विदेश के पर्यटक आकर ठहरते हैं।
शेरगढ़ दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

शेरगढ़ दुर्ग (धौलपुर जिला)

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शेरगढ़ दुर्ग के दरवाजे पर रखी ‘हनुहुंकार’ नामक विशालकाय तोप थी जो जनता ने वहाँ से लाकर शहर के मुख्य बाजार में इन्दिरा पार्क में पर्यटकों के लिये रख दी है।
मण्डरायल दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

मण्डरायल दुर्ग

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दिल्ली सल्तनत के काल में तथा मुगल सल्तनत के काल में मण्डरायल दुर्ग सैन्य छावनी की स्थापना की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता था।
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