राष्ट्रीय राजनीति में मेवाड़ का प्रभाव पुस्तक में छठी शताब्दी ईस्वी में गुहिल वंश के उदय से लेकर बीसवीं सदी में मेवाड़ रियासत के विलोपन तक मेवाड़ रियासत के राष्ट्रीय राजनीति में योगदान एवं प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
किसी समय बोराज दुर्ग जैसे छोटे-छोटे दुर्ग राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक हजारों की संख्या में स्थित थे। इनमें से अब बहुत से दुर्ग नष्ट हो गए हैं अथवा उपेक्षित अवस्था में खण्डहरों के रूप में पड़े हैं।
बड़गूजरों ने राजस्थान में आठवीं से दसवीं शताब्दी के आस-पास राजौरगढ़, देवती, माचेड़ी, टहला, दौसा, भाण्डारेज, तीतरवाड़ा, कोलासर, शंकरगढ़, भानगढ़, राजगढ़, बयाना आदि स्थानों पर अधिकार किया।
दौसा दुर्ग एक ऊंची और विशाल पहाड़ी पर बना हुआ है। लगभग 1000 साल पुराना यह दुर्ग, समुद्र तल से लगभग 1643 फुट ऊंचा है तथा पांच किलोमीटर की परिधि में बना हुआ है।