Thursday, April 17, 2025
spot_img
Home मेवाड़ राजसमन्द जिला

राजसमन्द जिला

राजसमन्द जिला मेवाड़ सांस्कृतिक क्षेत्र में स्थित है। जिला मुख्यालय राजसमन्द का नामकरण यहाँ स्थित एक झील के नाम पर किया गया है। यह झील महाराणा राजसमंद (प्रथम) ने अपनी प्रजा को अकाल से मुक्ति दिलवाने के लिए बनवाई थी। झील के किनारों पर पत्थरों पर उत्कीर्ण एक प्रशस्ति लगी है जिसमें मेवाड़ का संक्षिप्त इतिहास दिया गया है। इसे राजसमन्द प्रशस्ति भी कहा जाता है। राजसमन्द जिला संगमरमर पत्थर की खानों के लिए प्रसिद्ध है। नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर, कांकरोली का मंदिर तथा चारभुजानाथ का गढ़बोर मंदिर भी राजसमन्द जिले में हैं। ये तीनों ही मंदिर विश्वप्रसिद्ध हैं।

- Advertisement -

Latest articles

निष्कलंक सम्प्रदाय - www.rajasthanhistory.com

निष्कलंक सम्प्रदाय के संस्थापक मावजी

0
राजस्थान के वागड़ क्षेत्र में मावजी ने वैष्णव धर्म के अंतर्गत जो सम्पदाय स्थापित किया उसे निष्कलंक सम्प्रदाय कहते हैं किंतु स्थानीय लोग इसे...
परमारों की उत्पत्ति - rajasthanhistory.com

परमारों की उत्पत्ति ब्रह्मक्षत्र के रूप में हुई थी!

0
परमारों की उत्पत्ति के सम्बन्ध में प्रायः सभी इतिहासकारों ने उन्हें अग्निवंशीय माना है और सभी ने आबू पर्वत पर वशिष्ठ ऋषि के अग्निकुण्ड...
राजस्थान पर सातवाहन अधिकार - rajasthanhistory.com

राजस्थान पर सातवाहन अधिकार

0
राजस्थान पर सातवाहन अधिकार कहाँ से कहाँ तक और कब से कब तक रहा, इसके बारे में कोई निश्चित जानकारी अब तक नहीं मिल...
मधुकरगढ़ - rajasthanhistory.com

मधुकरगढ़ – एक भूला बिसरा दुर्ग

0
मध्यकाल में मालवा क्षेत्र से हाड़ौती क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए दो मार्ग उपलब्ध थे। इनमें से पहला मार्ग मुकन्दरा होकर आता था...
नौकोटि मारवाड़ - rajasthanhistory.com

नौकोटि मारवाड़

0
पश्चिमी राजस्थान में यह आम धारणा है कि मारवाड़ राज्य नौ परमार भाइयों में बंटा हुआ था जिसे नौकोटि मारवाड़ कहते थे। ऐतिहासिक स्तर...
// disable viewing page source