इस पुस्तक में भरतपुर के महाराजा सूरजमल के जीवन की गाथा, संघर्ष एवं उपलब्धिायें का इतिहास लिखा गया है। महाराजा सूरजमल ने मुगलों की सल्तनत में से भूभाग काटकर अपने लिए एक नवीन राज्य का निर्माण किया जो उस युग की बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
झालावाड़ जिले में भूगर्भीय जलस्तर में वृद्धि हेतु मुख्यमंत्री जलस्वावलम्बन योजना के तहत वर्ष 2016 में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इन उपायों से धरती के रीते गर्भ को हर साल 67 करोड़ घनफुट जल मिलेगा ।
झालावाड़ की बुनकर महिलाएं अपने हथकरघे पर तरह-तरह के कपड़े बुनकर देश-विदेश में निर्यात कर रही हैं।
झालावाड़ जिले के असनावर, रायपुर, झालरापाटन, झिरी, सुनेल,...
मारवाड़ के अनेक राजा, रानी एवं राजकुमारियों में भी अनेक कवि, संत एवं साहित्यकार हुए जिन्होंने डिंगल, ब्रज, संस्कृत एवं हिन्दी भाषा के खजाने को समृद्ध किया।
राजस्थान का संत साहित्य विश्व का सर्वाधिक समृद्ध साहित्य है। राजस्थान के भक्ति आंदोलन में वैष्णव भक्तों, दादू पंथियों तथा राम स्नेही साधुओं ने विपुल मात्रा में संत साहित्य का सृजन किया। भक्ति, अध्यात्म, नीति एवं तत्व विवेचन इस साहित्य का प्रमुख आधार है।