इस पुस्तक में भरतपुर के महाराजा सूरजमल के जीवन की गाथा, संघर्ष एवं उपलब्धिायें का इतिहास लिखा गया है। महाराजा सूरजमल ने मुगलों की सल्तनत में से भूभाग काटकर अपने लिए एक नवीन राज्य का निर्माण किया जो उस युग की बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
ई. 1952 में सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर ऊंटाला का नाम बदलकर वल्लभनगर कर दिया गया। अब लोग इसे वल्लभनगर के नाम से ही जानते हैं और ऊंटाला दुर्ग का इतिहास नेपथ्य में चला गया है।
शेरगढ़ दुर्ग के दरवाजे पर रखी ‘हनुहुंकार’ नामक विशालकाय तोप थी जो जनता ने वहाँ से लाकर शहर के मुख्य बाजार में इन्दिरा पार्क में पर्यटकों के लिये रख दी है।