कैटेलॉग पेज पर डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखित उन पुस्तकों की सूची दी गई है जो बिक्री हेतु विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। डॉ. मोहनलाल गुप्ता ने विविध विषयों पर सौ से अधिक पुस्तकें लिखी हैं।
ई. 1952 में सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर ऊंटाला का नाम बदलकर वल्लभनगर कर दिया गया। अब लोग इसे वल्लभनगर के नाम से ही जानते हैं और ऊंटाला दुर्ग का इतिहास नेपथ्य में चला गया है।
शेरगढ़ दुर्ग के दरवाजे पर रखी ‘हनुहुंकार’ नामक विशालकाय तोप थी जो जनता ने वहाँ से लाकर शहर के मुख्य बाजार में इन्दिरा पार्क में पर्यटकों के लिये रख दी है।