युग पुरुष भैंरोसिंह शेखावत – अनुक्रमणिका पृष्ठ पर इस पुस्तक के अध्यायों का क्रम दिया गया है। युग पुरुष भैंरोसिंह शेखावत नीचे दिए गए शीर्षकों पर क्लिक करके उन अध्यायों तक सीधे ही पहुंचा जा सकता है।
युग पुरुष भैंरोसिंह शेखावत डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखित एक लघु पुस्तिका है जिसमें राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे एवं भारत के एक बार उपराष्ट्रपति रहे भैंरोसिंह शेखावत की जीवनी संक्षेप में दी गई है। लेखक ने भैंरोसिंह शेखावत के साथ जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में कार्य किया है तथा उनके व्यक्तित्व से गहराई तक प्रभावित हैं। राजनीति में शुचिता को जो मंत्र उन्होंने अपने समय के नेताओं को देना चाहा, उसे शायद ही किसी ने ग्रहण किया हो किंतु उनके मंत्र शाश्वत सत्य पर आधारित हैं तथा कालजयी हैं। लेखक ने अपने अनुभवों के आधार पर इस लघु पुस्तिका का लेखन किया है। राजस्थान में इस पुस्तिका को बेहद पंसद किया गया तथा इसके कई संस्करण एवं पुनर्मुद्रण प्रकाशित हो चुके हैं।
जब भारतीय जनता पार्टी के अत्यंत लोकप्रिय नेता जसवंतसिंह जसोल तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराज होकर भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से अलग होकर जातीय राजनीति की ओर अग्रसर होने लगे तब भैंरोसिंह शेखावत ने उन्हें सार्वजनिक रूप से सलाह दी थी कि वे ऐसा न करें। राजनीति जातीयता के आधार पर नहीं की जा सकती। राजनीति समग्र समाज के लिए होती है, देश के लिए होती है। भैंरोसिंह शेखावत स्वयं भी तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नीतियों से प्रसन्न नहीं थे किंतु उन्होंने अपनी वाणी में संयम बनाए रखा तथा सार्वजनिक जीवन में शुचिता को ही धारण किए रखा।
1. जय हो जग में जले जहाँ भी पुनीत अनल को!
4. कर्मचारियों को वापस नौकरी में लिया
5. भैरोंसिंह शेखावत की दूसरी सरकार
6. केन्द्र सरकार हमें रेल दे दे
8. उन्होंने लोकतांत्रिक मर्यादाओं के उच्च प्रतिमान स्थापित किये