युगनिर्माता सवाईजयसिंह – अनुक्रमणिका पर इस शृंखला के आलेखों की अनुक्रमणिका दी गई है। यह पुस्तक अमेजन डाॅट इन पर भी उपलब्ध है जिसे आप मुद्रित प्रति के रूप में क्रय कर सकते हैं।
सवाई जयसिंह भारत के इतिहास में एक महान् राजा हो गया है जिसने देश में ज्ञान-विज्ञान का प्रसार किया, हिन्दुत्व की रक्षा की। गायों को कत्लखाने में जाने से बचाया तथा राजधानी दिल्ली में जयसिंहपुरा बनाया जिसमें वह भारत भर से लाई गई हिन्दू धर्म की पुस्तकों एवं मूर्तियों को संरक्षण देता था। सवाई जयसिंह ने देश भर में पांच वेधशालाओं की स्थापना की तथा विदेशों से नक्षत्र गणना की पुस्तकों को मंगवाकर उनके सिद्धांतों एवं गणनाओं का अपनी वेधशालाओं में परीक्षण करवाया। वह अपने युग का महान् गणितज्ञ एवं नक्षत्रविद् था। दुर्भाग्य से वह उस काल की ओछी राजनीति में फंस गया तथा उसने अनेक गलत कदम भी उठाए जिसके कारण राजपूत राज्यों में परस्पर वैमनस्य में वृद्धि हुई।
3. सवाई जयसिंह के सिंहासनारोहण के समय राजनैतिक परिस्थितियाँ
5. उत्तराधिकार के युद्ध के बाद सवाई जयसिंह
8. राजपूताना रियासतों पर सवाई जयसिंह का प्रभाव
9. जोधपुर राज्य और सवाई जयसिंह
10. सवाई जयसिंह का राज्य विस्तार
11. सवाई जयसिंह द्वारा हिन्दू प्रजा की अमूल्य सेवा
12. सवाई जयसिंह का विद्यानुराग
13. सवाई जयसिंह के निर्माण कार्य
युगनिर्माता सवाईजयसिंह – अनुक्रमणिका पर इस शृंखला के आलेखों की अनुक्रमणिका दी गई है। यह पुस्तक अमेजन डॉट इन पर ई-बुक के रूप में भी उपलब्ध है।