Saturday, December 21, 2024
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राजस्थान की संस्कृति

राजस्थान की संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। यह धर्म, दर्शन एवं लोकानुरंजन के आदर्श तत्वों से ओत-प्रोत है। राजस्थान की संस्कृति पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों पर आधारित है जिसमें जीव मात्र की रक्षा करने का विधान है। इस शृंखला में हम राजस्थान के गीत, संगीत, नृत्य एवं विविध कलाओं पर आधारित लेख प्रकाशित कर रहे हैं।

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मध्यकालीन मेवाड़ में ओसवाल

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मध्यकालीन रियासतों एवं ब्रिटिश कालीन रियासतों में भी ओसवालों को दीवान, प्रधानमंत्री एवं सेनापति जैसे महत्वपूर्ण पद दिए जाते थे।
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टहला दुर्ग

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सम्पूर्ण दुर्ग प्राचीर से घिरा हुआ है जिसमें आठ बुर्जियां बनी हुई हैं। टहला दुर्ग तक पहुंचने के लिये काले पत्थरों का खुर्रा बना हुआ है।
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लक्ष्मणगढ़ दुर्ग

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लक्ष्मणगढ़ दुर्ग पूरी दुनिया में वास्तुकला का एक अनूठा नमूना है क्योंकि यह संरचना विशाल चट्टानों के बिखरे हुए टुकड़ों पर बनी है।
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खाचरियावास दुर्ग

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ठाकुर विजयसिंह ने दुर्ग के चारों ओर बुर्जों का तथा दुर्ग के भीतर महलों का निर्माण करवाया। उसने चारों कोनों पर चार बुर्ज बनवाईं जहाँ से तोपें चलाई जाती थीं।
फतहपुर दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

फतहपुर दुर्ग

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फतेहपुर दुर्ग ई.1453 में नवाब फतेह खाँ ने बनवाया। उसने किले का अंतःभाग तथा प्राचीर का ही निर्माण करवाया।
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