Monday, December 8, 2025
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खींवसर उपखण्ड के गांव

नागौर जिले के विभाजन के बाद खींवसर उपखण्ड नागौर जिले में ही रहा। खींवसर उपखण्ड में 96 गांव हैं। खींवसर उपखण्ड की भूमि अपेक्षाकृत रेतीली है। कुछ गांवों में तो बड़े-बड़े रेतीले टीले पसरे हुए हैं। देशी-विदेशी पर्यटक इन रेगिस्तानी टीलों में ऊंटों की सवारी करने आते हैं।

खींवसर उपखण्ड के गांवों की सूची

क्रमगांव/कस्बाक्रमगांव/कस्बाक्रमगांव/कस्बा
1खींवसर2गोधन3 शिवपुरा
4भादूओं की ढाणी5पांचलासिद्धा6बेराथलकलां
7आकला8विश्नोईयों की ढाणी9बेराथल खुर्द
10हमीराणा11थांबड़िया12जगरामपुरा
13महेशपुरा14मगराबास15बिरलोका
16कांटिया17सैनिक नगर18हेमपुरा
19मगरेवाली ढाणियां20पीपलिया21जसनाथपुरा
22जोगीनाड़ा23 सावों की ढाणी 24गुलासर
25पांचोड़ी26माधाणियों की ढाणी27पापासनी
28रावों की ढाणी29आचीणा30कुड़छी
31 शिवनाड़ा32हैसाबा33गोदारों की ढाणी
34नाहरसिंह पुरा35नारवा कलां36बरबटा
37भोमासर38नारवा खुर्द 39अखासर
40रामसर41हनुमाननगर42ईशरनावड़ा
43सिंधिपुरा44लूणावास45खटोड़ा
46रामदेव नगर47अखावास48हनुमानसागर
49देऊ50गुड़ा भगवानदास51तांतवास
52करणू53साटिका खुर्द54साटिका कलां
55भूण्डेल56दांतीणा57लालावास
58सुखोलाव59बामणियाला60धारणावास
61अणदोलाव62भोजास63चिंदड़ी
64श्रीयादेनगर65झाड़ेली66ताडावास
67निम्बोला68सोननगर69बेरावास
70देवीसागर71पाबूसर72खोड़वा
73नेणाऊ74धोलियाडेर75हरिपुरा
76जसवंतनगर77मोतीनाथपुरा78नागड़ी
79ढींगसरा80अभयनगर81खुण्डाला
82दूजासर83चरड़ा84चावंडिया
85खड़काली86भेड़87नयापुरा
88चारणीसरा89नंदवाणी90रुपनगर
91गलनी92माडपुरा93भावण्डा
94पचारों एवं बिच्छुओं की ढाणी95गुड़ा भगवानदास खुर्द96बेनीवालों की ढाणी

खींवसर उपखण्ड के दो ऐतिहासिक गांव

खींवसर उपखण्ड के कुछ गांव अलग-अलग ब्लॉग के रूप में इसी वैबसाइट पर उपलब्ध हैं। यहाँ दो गांवों का संक्षिप्त विवरण दिया जा रहा है।

सोन नगर

नागौर जिले की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित खींवसर उपखण्ड में है। यह गांव विदेशी पर्यटकों का आकर्षण स्थल है। खींवसर पैलेस से विदेशी पर्यटक यहाँ लाये जाते हैं। गांव में बनी झोपड़ियों में पर्यटक एक या दो रात ठहरते हैं तथा मरुस्थल की जीवन शैली का आनन्द उठाते हैं।

गांव में एक संग्रहालय बना हुआ है जिसमें रेगिस्तानी जन-जीवन से सम्बन्धित सामग्री संग्रहीत की गई है। गांव में रहने वाले नायक, कालबेलिया तथा जोगी स्त्री-पुरुष पर्यटकों का अपने परम्परागत नृत्यों से मनोरंजन करते हैं। यहाँ के चर्मकार ऊंटों एवं घोड़ों के लिए कलात्मक जीन बनाते हैं।

पांचला सिद्धा

खींवसर उपखण्ड में है। पांचला सिद्धा पांचला सिद्धा तथा सोवां की ढाणी जसनाथी संप्रदाय के सिद्धों के लिए प्रसिद्ध है। इन गांवों में सोवां जाति के सिद्ध रहते हैं जो जलते हुए अंगारों पर नृत्य करते हैं तथा मुंह से आग निकालते हैं। अग्नि नृत्य जसनाथियों के रात्रि जागरण का हिस्सा होते हैं।

जसनाथजी महाराज की बसाई हुई बाड़ी पूजा स्थल के रूप में प्रयुक्त होती है। इस गांव के सिद्ध पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। इस गांव के आसपास हिरण, नीलगाय, खरगोश तथा रंग-बिरंगे पक्षी बड़ी संख्या में हैं।

-इस ब्लॉग में प्रयुक्त सामग्री डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखित ग्रंथ नागौर जिले का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास से ली गई है।

खींवसर उपखण्ड के दो अन्य गांव

खींवसर

भावण्डा

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