इस शृंखला में राजस्थान की विविध लोकनृत्य एवं लोकनाट्य विधाओं का परिचय दिया गया है। प्राचीन काल में एवं मध्यकाल में लोकनृत्य एवं लोकनाट्य लोकानुंरजन के प्रमुख साधन थे। बड़ी संख्या में परिवार इन विधाओं के प्रदर्शन से अपना पेल पालते थे किंतु समय के साथ इन कलाओं का विलोपन होता जा रहा है फिर भी ग्रामीण अंचल में ये विधाएं अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।