राव जोधा का बड़ा पुत्र नींबा था किंतु जोधा के जीवन काल में ही नींबा का निधन हो चुका था। इसलिये सरदारों ने जोधा के अन्य पुत्र जोगा को उत्तराधिकारी घोषित किया परंतु जोगा के आलस्यपूर्ण व्यवहार के कारण 14 मई 1488 को सातल को गद्दी पर बैठाया गया तथा जोगा को बिलाड़ा और खारिया की जागीरें दी गईं। 13 मार्च 1491 को सातल अजमेर के हाकिम मल्लू खाँ से हुई लड़ाई में अत्यधिक घायल हो जाने के कारण मृत्यु को प्राप्त हुआ। उसके बाद सूजा को मारवाड़ का राव बनाया गया।
जब सूजा जोधपुर राज्य का शासक हुआ तो बीका ने जोधपुर पर अपना अधिकार जताते हुए पड़िहार बेला को जोधपुर भेजकर राव जोधा के छत्र-चंवर आदि राजकीय चिह्न मांगे। सूजा ने राजकीय चिह्न देने से मना कर दिया। इस पर बीका ने जोधपुर पर आक्रमण करके जोधपुर दुर्ग को घेर लिया। इस अवसर पर बीदा द्रोणपुर से 3 हजार सैनिक लेकर बीका की सहायता के लिये आया। दस दिन की घेराबंदी के बाद सूजा की माता हाड़ी जसमादे, बीका से मिली। राजमाता ने बीका से कहा कि तू ने तो अब नया राज्य स्थापित कर लिया है। अपने छोटे भाइयों को रखेगा तो वे रहेंगे। इस पर बीका ने कहा कि मैं तो केवल पूजनीक चीजें चाहता हूँ। इस पर राजमाता के कहने से बीका को निम्नलिखित राजकीय चिह्न सौंपे गये- (1) राव जोधा की ढाल और तलवार (2) तख्त (3) चंवर (4) छत्र (5) हरभू सांखला की दी हुई कटारी (6) हिरण्यगर्भ लक्ष्मीनारायण की मूर्ति (7) अट्ठारह हाथांे वाली नागणेची की मूर्ति (8) करंड (9) भंवर ढोल (10) वैरिशाल नगारा (11) दलसिंगार घोड़ा और (12) भुंजाई की देग। इनमें से अधिकांश वस्तुएं- तख्त, ढाल, तलवार, कटार, छत्र, चंवर आदि बीकानेर दुर्ग के एक कक्ष में रखी हुई हैं। बीकानेर नरेश विजयादशमी के दिन इस सामग्री एवं प्रतिमाओं का पूजन करते है।
2 अक्टूबर 1515 को सूजा का निधन हो गया। उसके बाद सूजा का पौत्र गांगा जोधपुर का शासक हुआ। इस प्रकार पांच सौ साल तक जोधा के वंशज अपने शत्रुओं से लड़ते रहे और मारवाड़ राज्य पर शासन करते रहे। 1947 ई. में भारत के स्वतंत्र होने के बाद 1949 ई. में मारवाड़ राज्य, राजस्थान में सम्मिलित हो गया।
राव चूण्डा के 24 पुत्र थे। राव रणमल के 26 पुत्र थे। राव जोधा के 20 पुत्र हुए। इस प्रकार इन तीन राजाओं के 70 पुत्र थे। टॉड ने लिखा है कि तीन शताब्दियों में मारवाड़ राज्य में 50 हजार राठौड़ों की सेना तैयार हो गई जो कि एक ही पिता के वंशज थे। इनके अधीन 80 हजार वर्गमील क्षेत्र था।