राजस्थान के बांध तीन श्रेणियों में रखे जा सकते हैं- पहली श्रेणी में उन बांधों को रखा जा सकता है जो राजस्थान में बाहर से बहकर आने वाली नदियों पर बने हैं।
दूसरी श्रेणी में वे बांध रखे जा सकते हैं जो राजस्थान से ही उद्गम होने वाली नदियों पर बने हैं तथा तीसरी श्रेणी में उन बांधों को रखा जा सकता है जो वर्षा काल में बहकर आने वाले जल के मार्ग को रोककर बनाए गए हैं।
ऐसे बांध प्रायः किसी झील, सरोवर या बबड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में बनते हैं। पश्चिमी राजस्थान में एक भी ऐसी नदी नहीं है जिसमें वर्ष भर जल बहता हो।
राजस्थान के बांध – राज्य में स्थित प्रमुख बांध
राणाप्रताप सागर बांध
राणा प्रताप सागर बांध भराव क्षमता की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा बांध है। लम्बाई की दृष्टि से भी यह राज्य का सबसे बड़ा बांध है। यह कोटा से 50 किलोमीटर दूर चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा नामक स्थान पर चंबल नदी के 13 मीटर ऊंचे चूलिया जल प्रपात के समीप बनाया गया है।
यह ई. 1970 में बनकर तैयार हुआ था। बांध की लम्बाई 1100 मीटर, ऊँचाई 36 मीटर तथा इससे बनी झील का विस्तार 113 वर्ग किलोमीटर है। इसकी जलभराव क्षमता 290 करोड़ घन मीटर है। इस बांध से कोटा और बूंदी जिलों में 1.20 लाख हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। बांध पर भोपाल जलविद्युत गृह बना हुआ है।
जवाहर सागर बांध
इसे कोटा बांध भी कहते हैं। यह राणा प्रताप सागर से 33 किलोमीटर उत्तर में स्थित है और बोराबास गाँव के निकट चंबल नदी पर बनाया गया है। यह गांधीसागर और राणा प्रतापसागर के अतिरिक्त जल को एकत्र करता है। इस बांध की लम्बाई 538 मीटर और ऊँचाई 25 मीटर है। इसकी जलभराव क्षमता 18 करोड़ घन मीटर है। इस बांध से नीचे की ओर निर्मित जलविद्युत गृह में 33-33 हजार किलोवाट विद्युत क्षमता की तीन विद्युत इकाइयां हैं।
कोटा अवरोधक: जवाहरसागर बांध से 16 किलोमीटर पूर्व में कोटा नगर के समीप अवरोधक बांध बनाया गया है। इसकी लम्बाई 600 मीटर और ऊँचाई 36 मीटर है। यह केवल सिंचाई बांध है। इससे दो नहरें निकाली गयी हैं। प्रत्येक नहर की लम्बाई 64 किलोमीटर है। दायीं नहर से मध्य प्रदेश के भिण्ड एवं मुरैना जिलों में सिंचाई होती है तथा बायीं ओर की नहर से राजस्थान के कोटा, बूंदी और टोंक जिलों में सिंचाई होती है।
जाखम बांध
जाखम बांध माही की सहायक नदी जाखम पर प्रतापगढ़ जिले के अनूपपुरा गाँव के निकट स्थित है। मुख्य बांध के नीचे नीमलियां गाँव के निकट एक छोटा बांध बनाया गया है जो अतिरिक्त जल एकत्रित करता है। मुख्य बांध की लम्बाई 253 मीटर और ऊँचाई 41 मीटर है।
यह राज्य का सबसे ऊँचा बांध है। इस बांध से भी दो नहरें निकाली गयी हैं जिनसे 21 हजार 400 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है। बांध पर दो विद्युत उत्पादन इकाईयां लगायी गयी हैं जिनसे 9 मेगावाट विद्युत उत्पादित होती है।
मोरेल बांध
यह बांध सवाईमाधोपुर जिले में लालसोट से 16 किलोमीटर दूर मोरेल नदी पर बनाया गया है। इससे 8 हजार 600 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है।
मेजा बांध
यह बांध कोठारी नदी पर भीलवाड़े जिले के माण्डलगढ़ कस्बे से 8 किलोमीटर दूर बनाया गया है। इससे भीलवाड़ा नगर और उसके आसपास के 57 गाँवों को पेयजल मिलता है तथा 98 हजार हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है।
जवाई बांध
यह बांध लूनी की सहायक जवाई नदी पर पाली जिले में ऐरनपुरा रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर दूर बना हुआ है। इसमें एक पक्का व दो कच्चे बांध बनाये गये हैं। यह 34 फुट ऊँचा बांध है।
इससे दो नहरें निकाली गयी हैं। पूर्वी नहर से पाली जिले के गाँवों में सिंचाई होती है तथा पश्चिमी नहर से पाली, सुमेरपुर और आसपास के गाँवों को पेयजल की आपूर्ति की जाती है। उदयपुर जिले में जब वर्षा होती है तो उसका जल जवाई बांध तक आता है। जवाई नदी पाली जिले से बहती हुई जालोर तक जाती है तथा लूनी नदी में मिलती है।
पाँचना बांध
यह बांध भद्रावती, बरखेड़ा, अटा, माची और भैंसावट नामक नदियों के संगम स्थल पर करौली जिले के गुड़ला गाँव के निकट बना हुआ है। इसकी ऊँचाई 13 से 25 मीटर तक है। इससे गंगापुर, नादौती, टोडाभीम, और हिण्डौन तहसीलों में 98 हजार हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है।
बांकली बांध
यह बांध अरावली पहाड़ से निकलने वाली सूकड़ी नदी पर स्थित है। यह 1956 में बनकर तैयार हुआ था। पाली व जालोर जिले की 1.8 हजार हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई करने के लिये जल उपलब्ध करवाता है।
अडवान बांध
यह बाध भीलवाड़ा के शाहपुरा कस्बे के निकट मानसी नदी पर किया गया है। इसे ई.1959 में बनाया गया था। इस बांध से 5.5 हजार है. भूमि पर सिंचाई होती है।
राज्य से बाहर स्थित प्रमुख बांध
गांधी सागर बांध
यह बांध मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमाओं के निकट मध्यप्रदेश में बनाया गया है। यहाँ से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की बेगूं तहसील का चौरासीगढ़ गाँव बिल्कुल निकट है। यह 1960 में बनकर तैयार हुआ था। इस बांध की लम्बाई 510 मीटर, ऊँचाई 62 मीटर, भराव क्षमता 845 करोड़ घनमीटर है।
इस बांध से दो नहरें निकाली गयी हैं। बायीं नहर 131 किलोमीटर लम्बी है जिससे राजस्थान के बूंदी जिले में सिंचाई होती है। दायीं नहर 130 किलोमीटर लम्बी है जिससे मध्यप्रदेश में सिंचाई होती है।
पोंग बांध
यह बांध भारत के राजस्थान, हरियाणा व पंजाब प्रांतों की संयुक्त व्यास योजना के प्रथम चरण में हिमाचल प्रदेश में व्यास नदी पर बनाया गया है। यह बांध 133 मीटर ऊँचा है। इस बांध से इंदिरा गांधी नहर को जल दिया जाता है।
हरिके बांध
यह पंजाब में सतलुज नदी पर बनाया गया है इसका पानी भी राजस्थान को आने वाली नहरों में छोड़ा जाता है।
सरदार सरोवर बांध
यह बांध राजस्थान व गुजरात की सम्मिलित योजना के अंतर्गत गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाया गया है। इससे एक नहर बनायी जा रही है जो राजस्थान के सांचोर व बाड़मेर जिलों को सिंचाई हेतु व पेयजल प्रदान करती है।
राजस्थान की नदियों पर स्थित प्रमुख बांध
1. | चम्बल | जवाहर सागर बांध, राणा प्रताप सागर बांध, गांधी सागर बांध। |
2. | जवाई | जवाई बांध। |
3. | माही | माही बजाज सागर बांध। |
4. | कोठारी | मेजा बांध। |
5. | मोरेल | मोरेल बांध। |
6. | जाखम | जाखम बांध। |
7. | विलास | विलास बांध। |
8. | खारी | खारी बांध। |
9. | बनास | बीसलपुर बांध परियोजना। |
10. | पश्चिमी बनास | पश्चिमी बनास बांध परियोजना। |
11. | भद्रावती | पाँचना बांध। |
राजस्थान के बांध – जिलेवार स्थिति
1. | अजमेर | नारायण सागर बांध, फाय सागर, रामसर, ताज सरोवर, मदन सरोवर। |
2. | अलवर | जयसमंद बांध, मानसरोवर, विजयसागर, तिजारा बांध। |
3. | उदयपुर | सीमकागदर, जयसमंद, उदयसागर, स्वरूप सागर। |
4. | करौली | पाँचना, नींदर, कालीसिल। |
5. | कोटा | जवाहर सागर, कोटा बैराज, रावता, सावन भादो। |
6. | चित्तौड़गढ़ | राणाप्रताप सागर, गंभीर, भूपाल सागर। |
7. | चूरू | तालछापर। |
8. | जयपुर | रामगढ़, छापरवाड़ा, जमवारामगढ़, छितोली। |
9. | जालोर | बांकली बांध, चीतलवाणा बांध, बीठन बांध। |
10. | जैसलमेर | गढ़सीसर, अमरसागर। |
11. | जोधपुर | तखतसागर, उम्मेदसागर, जसवंतसागर, प्रतापसागर, पिचियाक बांध। |
12. | झालावाड़ | मोगरा, भीमसागर, सारोला, मुडलीया, हरिश्चंद्र सागर। |
13. | झुंझुनूं | अजीतसागर बांध। |
14. | टोंक | टोरडीसागर। |
15. | डूंगरपुर | अम्बा, सोमकमला, लोडेश्वर, गैबसागर। |
16. | दौसा | माधोसागर, सैंथलसागर। |
17. | धौलपुर | रामसागर (वन विहार), पार्वती, उर्मिला सागर। |
18. | नागौर | प्रतापसागर, हरसौर, पीरजी का नाका। |
19. | पाली | सरदार समंद, जवाईबांध, हेमावास बांध। |
20. | प्रतापगढ़ | जाखम बांध। |
21. | बाड़मेर | चंद्रबांध, मेली, रेवाना। |
22. | बारां | विलास, गोपालपुरा, उम्मेदसागर, अकलेरा सागर, सीताबाड़ी। |
23. | बांसवाड़ा | कडाणा बांध, माही बजाज सागर बांध। |
24. | बीकानेर | सूरसागर, अनूपसागर, गजनेर। |
25. | बूंदी | गुढ़ा, अभयपुर। |
26. | भरतपुर | बारेटा बांध, सेवर, अजान, शाही बांध। |
27. | भीलवाड़ा | मांडलताल, मेजाबांध, खारीबांध, अरवड़बांध, सरेदीबांध, जैतपुरा बांध। |
28. | राजसमंद | कुण्डली, चंद्रभागा। |
29. | सवाईमाधोपुर | जग्गर, देवपुरा, पाँचना बांध, मोरेल बांध। |
30. | सिरोही | ओराटेक, अंगोर। |
31. | सीकर | रायपुर बांध। |
32. | श्रीगंगानगर | शिवपुर हैड। |
-डॉ. मोहनलाल गुप्ता