राजस्थान भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। यहाँ की जलवायु मनुष्यों एवं पशुओं के लिए स्वास्थ्यकर है किंतु प्रदेश का 61 प्रतिशत से अधिक भूभाग रेगिस्तानी होने से, वर्षा कम होने से तथा पेयजल की उपलब्धता कम होने से राजस्थान में कृषि-उपज एवं रोजगार के साधनों की कमी है। इस कारण राजस्थान में नगर-गांव-जिले आदि बसावटों की संख्या अन्य प्रांतों की अपेक्षा बहुत कम है।
राजस्थान में नगरीय एवं ग्रामीण बसावटें
राजस्थान में नगरीय एवं ग्रामीण बसावटों की कुल संख्या | 121526 |
ग्रामीण बसावटों की कुल संख्या | 121229 |
बसे हुए गांव (2011 की जनगणना) | 43264 |
बिना बसे हुए गांव (2011 की जनगणना) | 1408 |
ढाणियों की संख्या (2011 की जनगणना) | 78365 |
नगरीय बसावटों की कुल संख्या (2011 की जनगणना) | 297 |
स्टेट्चुअरी टाउन्स की संख्या (2011 की जनगणना) | 185 |
सेंसस टाउन्स की संख्या (2011 की जनगणना) | 112 |
राजस्थान में जनसंख्या के आधार पर नगरों की स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित भू-भाग
1. सम्पूर्ण अलवर जिला। 2. भरतपुर जिला।
राजस्थान में महानगर (मैट्रोपोलिटन सिटी)
1. जयपुर, (जनसंख्या, 2011 – 29,22,850), 2. जोधपुर, (जनसंख्या,2011 – 10,56,191)।
दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर
1. जयपुर (29,22,850),
2. जोधपुर (10,56,191), 3. कोटा (10,01,694)।
दस लाख से कम किंतु पांच लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर
1. बीकानेर (6,44,406), 2. अजमेर (5,42,321)।
पांच लाख से कम किंतु तीन लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर
1. उदयपुर (4,51,100), 2. भीलवाड़ा (3,59,483), 3. अलवर (3,15,379)।
तीन लाख से कम किंतु दो लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर
1. भरतपुर (2,52,838), 2. गंगानगर (2,37,780), 3. सीकर (2,44,497), 4. पाली (2,30,075)।
दो लाख से कम किंतु एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर
1. टोंक (1,65,294), 2, किशनगढ़ (1,54,886), 3. ब्यावर (1,51,152), 4. हनुमानगढ़ (1,50,958), 5. धौलपुर (1,33,075), 6. गंगापुरसिटी (1,30,061), 7. सवाईमाधोपुर (1,21,106), 8. चूरू (1,20,157), 9. झुंझुनूं (1,18,473), 10. बारां (1,17,992), 11. चित्तौड़गढ़ (1,16,406), 12. मकराना (1,16,295), 13. नागौर (1,10,797), 14. हिण्डौन (1,05,452), 15. भिवाड़ी (1,04,921), 16. बूंदी (1,04,919), 17. सुजानगढ़ (1,01,523), 18. बांसवाड़ा (1,01,017)।
इस प्रकार राज्य में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले कुल 30 नगर हैं। इनमें से उदयपुर में सर्वाधिक 89.52 प्रतिशत साक्षर लोग रहते हैं। उदयपुर नगर में पुरुष साक्षरता 94.40 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता 84.31 प्रतिशत है। टोंक नगर में न्यूनतम 68.62 प्रतिशत साक्षरता है। यहाँ पुरुष साक्षरता 77.68 प्रतिशत तथा स्त्री साक्षरता 59.18 प्रतिशत है।
राजस्थान में संभाग एवं जिले
वर्ष 2023-24 में राजस्थान में संभागों एवं जिलों की स्थिति इस प्रकार है-
क्र.सं. | संभाग | जिले |
1 | अजमेर संभाग | अजमेर, ब्यावर, डीडवाना-कुचामन, केकड़ी, नागौर, शाहपुरा, टोंक। |
2 | भरतपुर संभाग | भरतपुर, डीग, धौलपुर, गंगापुर सिटी, करौली, सवाई माधोपुर। |
3 | बीकानेर संभाग | अनूपगढ़, बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर। |
4 | बांसवाड़ा संभाग | बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़। |
5 | जयपुर संभाग | अलवर, दौसा, दूदू, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, खैरताल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़। |
6 | जोधपुर संभाग | बालोतरा, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर शहरी, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी। |
7 | कोटा संभाग | बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा। |
8 | पाली संभाग | पाली, जालौर, सांचोर, सिरोही, |
9 | सीकर संभाग | झुंझुनूं, नीम का थाना, सीकर, चूरू, |
10 | उदयपुर संभाग | भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सलूंबर, उदयपुर |
जिलों की क्षेत्रवार स्थिति
भौगेलिक आधार पर राजस्थान को छः क्षेत्रों में बांटा जाता है। इन क्षेत्रों में स्थित जिलो की स्थिति इस प्रकार है-
क्र.सं. | क्षेत्र | जिला |
1 | उत्तरी राजस्थान | गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, अनूपगढ़। |
2 | दक्षिणी राजस्थान | उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सलूंबर, राजसमंद, चितौड़गढ़, भीलवाड़ा। |
3 | मध्य-पूर्वी राजस्थान | अजमेर, ब्यावर, डीडवाना-कुचामन, केकड़ी, नागौर, शाहपुरा। |
4 | पूर्वी राजस्थान | जयपुर, दौसा, सीकर, झुंझुनू, नीम का थाना, अलवर, भरतपुर, डीग, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, टोंक, गंगापुर सिटी, दूदू, खैरताल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़। |
5 | उत्तर-पूर्वी राजस्थान | सीकर, झुंझुनू, अलवर। |
6 | पश्चिमी राजस्थान | जोधपुर शहरी, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, नागौर, पाली, जैसलमेर, बालोतरा, बाड़मेर, जालोर, सांचोर, सिरोही। |
दक्षिण-पूर्वी राजस्थान | कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़। |
वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना कोरोना कालीन परिस्थितियों के कारण विगत 3-4 वर्ष से विलम्बित है। नई जनगणना के बाद राजस्थान में नगर-गांव-जिले की संख्या में परिवर्तन आना संभावित है।
-डॉ. मोहनलाल गुप्ता