नागौर जिले के शिलालेख : इस ब्लॉग में प्रयुक्त सामग्री डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखित ग्रंथ नागौर जिले का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास से ली गई है।
लोहरपुर से प्राप्त अभिलेख
पीर जुहूरूद्दीन की दरगाह का लेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – सफर हि. 745 (अक्षरों में) (जून-जुलाई ई.1344 ई.)
विवरण – किसी की मृत्यु का उल्लेख हुआ है। (मृत व्यक्ति का नाम पढ़ा नहीं जा सकता)
(संदर्भ, ए.रि.ई.ए. 1965-66 संख्या डी 358)
पीर जुहूरूद्दीन की दरगाह का दूसरा लेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1008 (ई.1599-1600)
विवरण – मीर बुजुर्ग द्वारा अपने पिता नवाब अमीर मुहम्मद मासूम नामी के साथ इस दरगाह की यात्रा की गई।
छोटी मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – 24 रजब हि. 1011 (28 दिसम्बर 1602)
विवरण – इस मस्जिद का निर्माण हाजी हुसैन आहंगर (लुहार) के नाम पर हुआ। (संदर्भ, ए.ई.अ.प.स. 1969 में सम्पादित)
बादशाह औरंगजेब कालीन स्तम्भ लेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – धुल हिज्ज 1 हि. 1089 (4 जनवरी 1679)
विवरण – अभिलेख में एक निर्णय का उल्लेख है जो राव रायसिंह के पुत्र राव इन्द्रसिंह (नागौर का शासक) द्वारा डूंगरसी गहलोत के सक्रिय सहयोग से लिया गया था कि परगना नागौर में स्थित जुंजाला के तालाब से होने वाली आय का उपयोग तालाब की मरम्मत के अतिरिक्त अन्य किसी कार्य में नहीं किया जाये। काडी मुहम्मद के पुत्र शाह मुहम्मद द्वारा लिखित। (संदर्भ, ए.रि.ई.ए. 1966-67 संख्या डी 215)
अमरपुर से प्राप्त अभिलेख
शाहजहाँ कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – धुल हिज्ज 5 1065 (26 सितम्बर 1655)
विवरण – उथमान चौहान के पुत्र मुहम्मद द्वारा दिंजावास ग्राम में मस्जिद बनवाई गई। (संदर्भ, ए.रि.ई.ए. 1961-62 संख्या 239)
राजा रायसिंह राठौड़ का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1081 (ई.1670)
विवरण – बादशाह औरंगजेब के काल में नारायणदास गहलोत के पुत्र डूंगरसी द्वारा एक हवेली के निर्माण का उल्लेख हुआ है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस समय नागौर का राजा रायसिंह राठौड़ था। (संदर्भ, इं.आ. 1961-62 पृष्ठ 91)
औरंगजेब कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – मुहर्रम 15 हि. 1083 (?) (3 मई 1672)
विवरण – ‘अली’ द्वारा मस्जिद बनवाए जाने का उल्लेख है।
महाराजा इन्द्रसिंह का अभिलेख, भाषा: देशज
तिथि – 1117 (ई.1705)
विवरण – महाराजा इन्द्रसिंह के शासनकाल में डूंगरसी के पुत्र जीवनदास द्वारा एक भवन बनवाने का उल्लेख हुआ है।
बासनी बहलीम से प्राप्त अभिलेख
बड़ी मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
विवरण – बादशाह औरंगजेब के शासनकाल के 38वें वर्ष में मस्जिद के निर्माण का उल्लेख है। (संदर्भ, इं.आ. 1960-61 पृष्ठ 53)
बड़ी मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1105 (ई.1693-94)
विवरण – बासनी बहलीम ग्राम में मस्जिद का निर्माण हुआ। बादशाह औरंगजेब के नाम का भी उल्लेख है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1961-62 सं. 241)
कुम्हारी से प्राप्त अभिलेख
बाला पीर की दरगाह के पास की मस्जिद का लेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 902 (ई.1496-97)
विवरण – खान फिरूज खान के मकबरे, मस्जिद एवं बगीचे के निर्माण का उल्लेख है।
कालन्दरी मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – ज्ञात नहीं।
विवरण – अभिलेख अपठनीय है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1966-67 सं. डी 218)
कठोती से प्राप्त अभिलेख
मस्जिद का मिहराब का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 977 (ई.1569-70)
विवरण: अकबर के यसाबुल (उत्सवाधिकारी) अमीर किस्मी के आदेश से नेकबख्त की देखरेख में मस्जिद का निर्माण हुआ। (संदर्भ, ए.इं.अ.प.स. ई.1969 में सम्पादित तथा ए.रि.इं.ए. 1966-67 संख्या 216 ।)
रेण से प्राप्त अभिलेख
चारभुजा मंदिर अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि: प्रथम रबी 21 हि. 984 (18 जून 1576)
विवरण – ग्वालियर निवासी दास करोरी के नाम का उल्लेख हुआ है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1963-64 संख्या बी 671 तथा डी 313)
कलिया से प्राप्त अभिलेख
औरंगजेब कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – धुल-हिज्ज 1 हि. 1080 (2 अप्रेल 1670)
विवरण – संगीतज्ञ गोपाल के पुत्र हम्मीद की पुत्री किल्लोल बाई द्वारा एक मस्जिद, एक कुआं तथा एक तालाब बनवाया गया। लेखक एवं उत्कीर्णकर्ता के नाम घिस गए हैं। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1968-69 संख्या 410)। इस लेख से स्पष्ट है कि गोपाल का पुत्र मुसलमान हो गया था।
कुचेरा से प्राप्त अभिलेख
पुराने कोट में स्थित मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1225 (ई.1810-11)
विवरण – मुहम्मद अयाज के समय जहान खान द्वारा मस्जिद बनवाए जाने का उल्लेख हुआ है। (संदर्भ, ए.रि.इं.द. 1961-62 संख्या 242)
बालापीर से प्राप्त अभिलेख
मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
विवरण – खानजादा परिवार के शासक फिरोजखान के शासनकाल में इस मस्जिद के निर्माण हुआ। 24 वर्ष तक शासन करने के उपरान्त हि.899 (ई.1493) में फिरोज खान की मृत्यु हुई। (संदर्भ, इं.आ. 1960-61 पृष्ठ 52)
हरसोर से प्राप्त अभिलेख
स्मारक अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1014 (ई.1605-06)
विवरण – एक साहित्यिक छन्द उत्कीर्ण है। मुहम्मद मासूम अन नामी अल् बक्करी द्वारा सृजित एवं लिखित। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1964-65 सं. 333)
सिंहपोल अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1026 (ई.1616-17)
विवरण – सरकार अजमेर के कस्बा हरसोर हेतु दिये गये एक राजकीय आदेश का उल्लेख है। कादी डाडन (?) द्वारा उत्कीर्ण। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1964-65 संख्या 334)
चरलू से प्राप्त अभिलेख
मोहिलों के अभिलेख, भाषा: देशज
विवरण – यहाँ मोहिलों का स्मारक तथा देवलियां हैं जिनमें वि.सं. 1200 के लेख से विष्णुदत्त देवसरा, आहड़ और अम्बराक के नाम ज्ञात होते हैं। देवली के लेख से पता चलता है कि आहड़ और अम्बराक (नागपुर) नागौर की लड़ाई में मारे गये थे। अन्य देवलियों के लेख दर्शाते हैं कि वि.सं. की 13वीं शताब्दी के पूर्व इस प्रदेश पर मोहिलों का अधिकार था और चरलू उनकी पहली राजधानी थी। (संदर्भ, डॉ. गोपीनाथ शर्मा, पृ. 83, राजस्थान के इतिहास के स्रोत)
मांगलोद से प्राप्त अभिलेख
दधिमति माता अभिलेख, भाषा: संस्कृत
तिथि – श्रावण वदि 10 3 (13) गुप्तसंवत् 200 80 9 (289) (वि.सं. 608)
विवरण – अभिलेख में धु्रह्लण नामक शासक का उल्लेख है। उसके शासनकाल में अविघ्न नाग की अध्यक्षता में दध्या ब्राह्मण (दाहिमा ब्राह्मण) गोष्ठिका की ओर से दधिमति माता की प्रार्थना की गई है तथा मंदिर के निमित्त दान स्वरूप दी जाने वाली राशि अंकित की गई है। दान स्वरूप प्रदत्त धन के प्रसंग में द्रम्म नामक मुद्रा का उल्लेख हुआ है। (संदर्भ, भण्डाकर द्वारा प्रो. रि.आ.स., वे.स. 1906-07 पृ. 30 तथा पं. रामकर्ण आसोपा द्वारा ए.इ. खण्ड 11, पृ. 303)
नागौर जिले के शिलालेख से सम्बन्धित ब्लॉग
नागौर जिले के शिलालेख



