प्रस्तुत आलेख में मेड़ता से प्राप्त शिलालेख दिए गए हैं। यह सामग्री डॉ. मोहनलाल गुप्ता की पुस्तक नागौर जिले का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास से ली गई है।
राणा करमसी का अभिलेख, भाषा: संस्कृत
तिथि – कार्तिक सुदि 11 रविवाद वि.सं. 1405 (2 नवम्बर 1348)
विवरण – अभिलेख में राणा गुहिलौत मेदड़ के नाम का उल्लेख हुआ है। (सदंर्भ, भण्डारकर द्वारा प्रो. रि.आ.स., वे.स. 1909-10 पृ. 63)
मीर मुहम्मद का सूम नामी का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हिजरी 1014 (ई.1605-06)
विवरण – अभिलेख में मासूम द्वारा सृजित 3 छन्द दिए गए हैं। पीर मुहम्मद मासूम नामी द्वारा सृजित एवं उत्कीर्ण। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृ. 61)
औरंगजेब का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि.1076 (ई.1665)
विवरण – जोधपुर सरकार के मुतवल्ली एवं मुहत्सिब मयंड मुहम्मद बुखरी के पुत्र हाजी मुहम्मद सुल्तान ने मस्जिद का निर्माण करवाया। क्वादि मुहम्मद शरीफ के पुत्र मुहम्मद द्वारा लिखित। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृ. 60)
महाराजा जसवंतकालीन लेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1080 (ई.1669)
विवरण – महाराजा जसवंतसिंह के शासनकाल में लाखन के पुत्र शेख बाजा, जो फौजदार था, द्वारा एक मकबरा एवं मस्जिद बनवाने का उल्लेख हुआ है।
शाहजहाँ कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – ज्ञात नहीं।
विवरण – राजा सूरसिंह की मृत्यु के बाद मेड़ता परगना बादशाह शाहजहाँ द्वारा अजु मुहम्मद इमाद मुरताद खानी को दिया जिसने जामा मस्जिद का निर्माण करवाया। ताज महद्दूब दरवेश ने यहाँ की यात्रा की।
मस्जिद अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – हि. 1089 (1678)
विवरण – मकराना निवासी शम्सुद्दीन, जो गौर जाति का था, द्वारा एक मस्जिद बनवाए जाने का उल्लेख है।
मुहम्मद शाह के शासनकाल का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी
तिथि – 1134 (ई.1807-08)
विवरण – मुहम्मद शाह के शासनकाल में एक मस्जिद के निर्माण का उल्लेख है। ट्रस्टी के रूप में सय्यद मूसा के पुत्र सय्यद मुहम्मद के नाम का उल्लेख हुआ है।
जामा मस्जिद का अभिलेख, भाषा: देशज
तिथि – हि. 1222 (ई.1807-08)
विवरण – अभिलेख में कहा गया है कि राजा धोकलसिंह, महाराजा भीमसिंह का उत्तराधिकारी पुत्र के प्रयासों से इस परित्यक्त मस्जिद का जीर्णोद्धार हुआ। मस्जिद की दुकानों के किराए के सम्बन्ध में गड़बड़ी करने वाला पाप का भागी होगा।
जैन अभिलेख, भाषा: संस्कृत
तिथि – वैशाख सुदि 4, बुधवार, वि.सं. 1653
विवरण – अभिलेख में जैन प्रतिमा स्थापित किये जाने का उल्लेख है।
जैन अभिलेख, भाषा: संस्कृत
तिथि – माघ सुदि 5, शुक्रवार, वि.सं. 1659
विवरण – अभिलेख में महाराजा सूर्यसिंह (जोधपुर के राठौड़ नरेश सूरसिंह) के राज्यकाल में किसी जैन प्रतिमा की स्थापना का उल्लेख हुआ है।
महाराजा सूरसिंह का अभिलेख, भाषा: संस्कृत
तिथि – माघ सुदि 5, शुक्रवार वि.सं. 1669
विवरण – महाराजाधिराज महाराज सूर्यसिंह (सूरसिंह) के शासन का उल्लेख है।
जहांगीर एवं शाहजहाँ का अभिलेख, भाषा: संस्कृत
तिथि – ज्येष्ठ वदि 5, गुरुवार वि.सं. 1677
विवरण – जहांगीर एवं शाहजहाँ के समय मेड़ता नगर में ओसवाल परिवारों द्वारा जैन मंदिर में शांतिनाथ की प्रतिमा स्थापित करवाये जाने का उल्लेख है। अकबर से युग प्रधान की उपाधि प्राप्त श्री जिन चन्द्र सूरी तथा जहांगीर से युग प्रधान की उपाधि प्राप्त श्री जिनसिंह सूरी का भी उल्लेख है। शिलालेख सूत्रधार सूजा ने उत्कीर्ण किया। (संदर्भ, भण्डारकर द्वारा प्रो. रि.आ.स., वे.स. 1910-11 पृ. 62 पर निर्दिष्ट)
महाराजा गजसिंह का अभिलेख, भाषा: संस्कृत
तिथि – वैशाख सुदि 8, वि.सं. 1686
विवरण – अभिलेख में महाराजा गजसिंह के शासनकाल का उल्लेख हुआ है।
रामसिंह कालीन अभिलेख, भाषा: देशज
तिथि – मार्गशीर्ष सुदि 9, सोमवार वि.सं. 1807(26.11.1750)
विवरण – महाराजा रामसिंह बखतसिंह के बीच हुए युद्ध में लाम्बा गांव के सांवलदासोत शेखावत गुमानसिंह, रामसिंहोत काम आये। (संदर्भ, सुमेर रि. 1945 पृ. 7)
रामसिंह कालीन अभिलेख, भाषा: देशज
तिथि – मार्गशीर्ष सुदि 9, सोमवार वि.सं. 1807 (26.11.1750)
विवरण – महाराजा श्री रामसिंह एवं बखतसिंह के मध्य हुए युद्ध में ठाकुर शेरसिंह सरदारसिंघोत, मेड़तिया माधोदासोत जो रीयां का ठाकुर था काम आया। (संदर्भ, सुमेर रि. 1945 पृ. 7)



