Thursday, November 13, 2025
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बड़ी खाटू के शिलालेख

बड़ी खाटू के शिलालेख : बड़ी खाटू को खाटू कलां भी कहते हैं। बड़ी खाटू नागौर जिले की जायल तहसील में स्थित है। बड़ी खाटू नागौर जिले की जायल तहसील में स्थित है।

बड़ी खाटू के शिलालेख में सबसे प्राचीन शिलालेख तेरहवीं शताब्दी ईस्वी का है। इस ब्लॉग में प्रयुक्त सामग्री डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखित ग्रंथ नागौर जिले का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास से ली गई है।

बड़ी खाटू के शिलालेख

ध्वंस मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि.सं. 599 (ई.1203)

विवरण – सम्बन्धित मस्जिद के उक्त तिथि को निर्मित होने का उल्लेख है। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृष्ठ 61 ।)

ठाकुर धोंकलसिंह की हवेली का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि: जुमादा 1 हि. 599 (जनवरी-फरवरी 1203)

विवरण – उक्त तिथि को हवेली के निर्माण का उल्लेख हुआ है। (संदर्भ, ए.रि.इ.ए. 1962-63 संख्या 200)

मगरीबी शाह के मकबरे का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हिजरी सं. 629 (ई.1232)

विवरण – मगरीबी शाह के नाम से प्रसिद्ध शेख अबूईशाक मगरीबी के मकबरे के इस लेख में सुल्तान अल्तमश के काल में अमर-अल-खिलजी के पौत्र एवं अहमद के पुत्र मसूद द्वारा तालाब बनवाने का उल्लेख है।

मस्जिद अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – धुल-हिज्ज 1, हि. 700 (7 अगस्त 1301)

विवरण – कुरान की आयत (अध्याय 3 छन्द 18) उत्कीर्ण है।

अल्लाउद्दीन खलजी का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 702 (ई.1302-03)

विवरण – अल्लाउद्दीन के शासनकाल में अल फखरी के पुत्र मोहम्मद द्वारा मस्जिद बनवाने का उल्लेख हुआ है। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृष्ठ 60)

जलीय आवास की मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि: द्वितीय रबी 1 हि. 720 (11 मई 1320)

विवरण – मलिक ताजुद्दौलत वाद्दीन के प्रांतपतित्व में बहा उपाधिधारी उमर के पुत्र मजुफ्फर द्वारा मस्जिद बनवाए जाने का उल्लेख है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1969-70 सं. 167)

मुहम्मद बिन तुगलक कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि.सं. 733 (ई.1333)

विवरण – अभिलेख में अजमेर इलाके के मुहरिर्र सिराज के पुत्र मुअय्यद की देखरेख में एक भवन निर्माण का उल्लेख हुआ है। यह भी कहा गया है कि इस समय अजमेर इलाके के मुक्ती एवं अखूर्वेक ई मैसर मलिकुल उमरा सैफुद्दौलत वाद्दीन नानक की जागीर के अन्तर्गत था। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृष्ठ 61)

मृतकों का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – 1 शव्वाल हि.सं. 761 (15 अगस्त 1360)

विवरण: उक्त तिथि को 6 व्यक्तियों का किसी धर्मयुद्ध में मारे जाने का उल्लेख है। व्यक्तियों के नामों का उल्लेख नहीं हुआ है। (संदर्भ, इं.आ. 1958-59 पृष्ठ 64)

सम्मनशाह की दरगाह का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 802 (ई.1399-1400)

विवरण – सम्मनशाह के स्मारक के निर्माण का उल्लेख है तथा सम्मनशाह की मृत्यु तिथि हि. 648 (ई.1250-51) दी गई है। (संदर्भ, ए.रि.इ.ए. 1958-59 संख्या 177)

नागौर के खानजादा वंश का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 886(ई.1482 ई.)

विवरण – इस अभिलेख में उसी तथ्य का उल्लेख है जो नीचे लिखित अभिलेख में उल्लिखित है कि मस्जिद का निर्माण ताजुद्दौलत वाद्दीन की देखरेख में हुआ। (संदर्भ, इं.आं. 1962-63 पृष्ठ 61 तथा बु.डे. का रि.इं. 2 1940 पृष्ठ 173)

नागौर के खानजादा राजवंश का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 886 (ई.1482)

विवरण – अभिलेख में नागौर के खानजादा शासक फिरोज खान के पूर्वजों की वंशावली दी गई है तथा कहा गया है कि उसके शासनकाल में खाटू के मुआमला के मुक्ति एवं शाही अस्तबल के अखुरबेक मालिकुल उमरा इख्तियारूद्दौलत वाद्दीन मलिक लाडला खलास द्वारा मस्जिद के निर्माण हुआ है। (संदर्भ, इं.आं. 1962-63 पृष्ठ 61)

अल्तमश का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – ज्ञात नहीं।

विवरण – लेख खण्डित है, इसमें अल्तमश की उपाधियां पढ़ी जाती हैं। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृष्ठ 60)

मुहम्मद तुगलक का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – ज्ञात नहीं।

विवरण – लेख खण्डित है, मुहम्मद तुगलक का नाम एवं उसके किसी अधिकारी की उपाधियां ही अवशिष्ट रही हैं। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृष्ठ 61)

शाही जामी मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – शाबान हि. 968 (अप्रेल-मई 1561)

विवरण – रुरजी के मार्फत इस्लाम बेग द्वारा मस्जिद के जीर्णोद्धार का उल्लेख है। (संदर्भ, ए.इं.अ.प.स.1969 में सम्पादित तथा ए.रि.इ.ए. 1962-63 सं. 197)

मगरीबीशाह की दरगाह का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 1008 (ई.1599-1600)

विवरण – अभिलेख में बताया गया है कि मीर बुजुर्ग ने अपने पिता नवाब अमीर मुहम्मद मासूम के साथ इस पवित्र स्थान की यात्रा की। मीर बुजुर्ग द्वारा लिखित। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1958-59 संख्या 172)

मगरीबीशाह के मकबरे का लेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 1010 (ई.1601-02)

विवरण – बादशाह (अकबर) द्वारा मीर मोहम्मद मासूम को दूत के रूप में ईराक (ईरान को उस समय ईराक कहा जाता था) जाने की अनुमति देने का उल्लेख है। मीर मोहम्मद मासूम द्वारा उत्कीर्ण। (संदर्भ, इं.आ. 1958-59 पृष्ठ 64-65)

सम्मनशाह की दरगाह का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 1013 (ई.1604-05)

विवरण – अमीर मुहम्मद मासूम द्वारा सृजित एक छन्द उत्कीर्ण है।

मगरीबीशाह के मकबरे का लेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 1013 (ई.1604-05)

विवरण – इसमें किसी का नाम नहीं दिया गया है, सम्भवतः यह अभिलेख मीर बुजुर्ग का है। इसमें कहा गया है कि वह (मीर बुजुर्ग) अपने पिता के ईरान से लौटने पर उसके साथ इस पवित्र स्थान के दर्शन करने आया। मीर बुजुर्ग (?) द्वारा उत्कीर्ण।

(संदर्भ, इं.आ. 1658-59 पृष्ठ 65)

शाहजहाँ कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – द्वितीय जमादा 20 हि. 1049 (8 अक्टूबर 1639)

विवरण: पाषाण तक्षक मियांशाह के पुत्र नाहिरशाह द्वारा मस्जिद बनवाने का उल्लेख है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1966-67 संख्या 201)

शाहजहाँ कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – रमदान 15 हि. 1051 (3 दिसम्बर 1641)

विवरण – चौहान जातीय जुमीशाह के पौत्र एवं आदम के पुत्र जमालशाह द्वारा मस्जिद बनवाए जाने का उल्लेख हुआ है। पालनपुर निवासी कादी इमाद के पुत्र कादी अब्दुर्रहमान द्वारा लिखित।

जमालशाह का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 1051 (ई.1641)

विवरण – जुमीशाह एवं आदम के नाम पर जमालशाह चौहान द्वारा मस्जिद बनवाने का उल्लेख है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1966-67 संख्या 205)

मीर इनायत उल्लाह का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – प्रथम रबी 20 हि. 1058 (4 अप्रेल 1648)

विवरण – अभिलेख लेखक मीर सुलेमान तथा उसके पुत्र मीर इनायतुल्लाह के नाम का उल्लेख है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1966-67 संख्या 206 । इनायतुल्लाह द्वारा लिखित)

सम्मनशाह की दरगाह का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – हि. 1062 (ई.1651-52)

विवरण – पहाड़ खान के समय गुम्बद के निर्माण का उल्लेख हुआ है।

(संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1958-59 संख्या 178)

शेखों की मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि: धुल हिज्ज 25 हि. 1077 (8 जून 1667)

विवरण – मुहल्ला मुंमिनान की मस्जिद के निर्माण का उल्लेख हुआ है।

(संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1969-70 संख्या 155)

मगरीबीशाह की दरगाह का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – जुमादा (द्वितीय) 27 हि. 1081 (1 नवम्बर 1670)

विवरण – शेख आदम द्वारा मस्जिद बनवाने का उल्लेख है।

धोबियों की मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – रजब 3 हि. 1180 (10 दिसम्बर 1766)

विवरण – पहले गौर जातीय समाज द्वारा मस्जिद का निर्माण हुआ था जिसका जीर्णोद्धार अब धोबी समाज द्वारा करवाया गया। मुहम्मद सादिक खान द्वारा लिखित। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1966-67 संख्या 200)

दुर्ग स्थित शाह हाफिजुल्लाह मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि: धुल कद 26 हि. 1188 (29 जनवरी 1775)

विवरण: शाह हाफिजुल्लाह की मृत्यु का उल्लेख है।

शाह हाफिजुल्लाह की मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – धुल कद 26 हि. 1188 (29 जनवरी 1775)

विवरण – इसमें भी ऊपर वाले अभिलेख की सूचनाएं दी गई हैं, साथ ही मलिकदीन के पुत्र नूर मुहम्मद का नाम दिया है, जो पाषाण तक्षक (संगतराश) था। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1958-59 संख्या 181)

शाह आलम (द्वितीय) कालीन अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – द्वितीय रबी 21 हि. 1204 (8 जनवरी 1790)

विवरण – मस्जिद निर्माण का उल्लेख है। शासक की उपाधि मुजफ्फरउद्दीन दी गई है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1958-59 संख्या 181)

संगतराशों की मस्जिद का अभिलेख, भाषा: अरबी-फारसी

तिथि – रजब हि. 1211 (दिसम्बर-जनवरी 1766-67)

विवरण – संगतराश समाज द्वारा मस्जिद बनवाए जाने का उल्लेख है। (संदर्भ, ए.रि.इं.ए. 1962-63 संख्या 207)

मुकुल तालाब का खण्डित लेख, भाषा: अरबी-फारसी

विवरण – मलिकुल ऊमर फिरोज के नाम पर ‘फिरोज सागर’ तालाब के निर्माण का उल्लेख हुआ है। मलिकुल ऊमर फिरोज, राजकीय अस्तबल के शाहनबेक (मुख्य अधीक्षक) मुहम्मद का पुत्र था। मलिक ताजुद्दौलत वाद्दीन के नाम का उललेख भी हुआ है। (संदर्भ, इं.आ. 1962-63 पृष्ठ 61)

इस प्रकार हम देखते हैं कि बड़ी खाटू के शिलालेख अरबी-फारसी भाषा के ही मिले हैं। संस्कृत भाषा एवं देवनागरी लिपि का कोई शिलालेख प्रकाश में नहीं आया है।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

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