Sunday, October 27, 2024
spot_img

Ooops... Error 404

Sorry, but the page you are looking for doesn't exist.

सहर दुर्ग

सहर दुर्ग करौली जिले के नादौती कस्बे के पास एक पहाड़ी पर स्थित है। सेहरा माता के नाम पर यह कस्बा, सहर अथवा शहर...

माधोराजपुरा दुर्ग

माधोराजपुरा दुर्ग जयपुर नरेश सवाई माधवसिंह (प्रथम) (ई.1750-68) ने मराठों पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में बनवाया था। यह जयपुर नगर से 59 किलोमीटर...

बोराज दुर्ग

किसी समय बोराज दुर्ग जैसे छोटे-छोटे दुर्ग राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक हजारों की संख्या में स्थित थे। इनमें से अब बहुत से दुर्ग नष्ट हो गए हैं अथवा उपेक्षित अवस्था में खण्डहरों के रूप में पड़े हैं।

राजौरगढ़ दुर्ग

बड़गूजरों ने राजस्थान में आठवीं से दसवीं शताब्दी के आस-पास राजौरगढ़, देवती, माचेड़ी, टहला, दौसा, भाण्डारेज, तीतरवाड़ा, कोलासर, शंकरगढ़, भानगढ़, राजगढ़, बयाना आदि स्थानों पर अधिकार किया।

दौसा दुर्ग

दौसा दुर्ग एक ऊंची और विशाल पहाड़ी पर बना हुआ है। लगभग 1000 साल पुराना यह दुर्ग, समुद्र तल से लगभग 1643 फुट ऊंचा है तथा पांच किलोमीटर की परिधि में बना हुआ है।

मांच दुर्ग (जमवा रामगढ़)

मांच दुर्ग के बारे में यह उक्ति कही जाती है- जारूड़ो ज्यूं जोधपुर सांऊ ज्यूं सांगानेर। मांच तखत को बैठबो, ज्यूं आमेर।।

गलियाकोट दुर्ग

गलियाकोट का प्राचीन नाम कोटनगर, कोट महादुर्ग तथा श्रीकोट है। यह वागड़ क्षेत्र का प्रमुख दुर्ग है तथा माहीसागर और महिये के बीच की...

बीकमपुर दुर्ग

बीकमपुर गढ़ के मुख्य द्वार की तरफ एक शनिदेव मंदिर बना हुआ है जो अब लगभग 7-8 फुट धरती में धंस गया है।

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source