Friday, October 25, 2024
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गलियाकोट दुर्ग

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गलियाकोट का प्राचीन नाम कोटनगर, कोट महादुर्ग तथा श्रीकोट है। यह वागड़ क्षेत्र का प्रमुख दुर्ग है तथा माहीसागर और महिये के बीच की...
बीकमपुर दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

बीकमपुर दुर्ग

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बीकमपुर गढ़ के मुख्य द्वार की तरफ एक शनिदेव मंदिर बना हुआ है जो अब लगभग 7-8 फुट धरती में धंस गया है।
जूना बाहड़मेर - www.rajasthanhistory.com

जूना बाहड़मेर

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जूना बाहड़मेर, बाड़मेर-मुनाबाव रेलमार्ग पर स्थित जसाई रेल्वे स्टेशन से लगभग छः किलोमीटर दूर स्थित है। इसे प्राचीन समय में बाहड़मेरु, बाहड़गिरि, बाप्पड़ाऊ तथा जूना बाहड़मेर के नाम से जाना जाता था।
चन्द्रावती दुर्ग - www.rajasthanhistory.com

चन्द्रावती दुर्ग

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चन्द्रावती नगरी 11-12वीं सदी ईस्वी में बहुत समृद्ध थी। जैन मुनि सौभाग्यनंदि सूरि द्वारा ई.1515 में रचित ग्रंथ ‘विमल चरित्र’ के अनुसार इस क्षेत्र में परमारों के 1800 गांव थे।
अचलगढ़ - www.rajasthanhistory.com

अचलगढ़ (आबू दुर्ग)

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आबूगढ़ पर परमारों का किला है, इस किले का कोट कुंभा ने बनवाया था। कुंभा स्वयं भी प्रायः इस दुर्ग में रहता था।
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