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राजस्थान का भूगोल

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग

कर्नल टॉड के अनुसार भैंसरोड़गढ़ का नाम भैंसाशाह नामक व्यापारी तथा रोड़ा नाम के बंजारा के नाम पर पड़ा। उन्होंने इस दुर्ग का निर्माण अपने व्यापारी काफिलों को वर्षाकाल में पहाड़ी लुटेरों से बचाने के लिये करवाया।

राजस्थान का गौरव

केसरोली दुर्ग

यह दुर्ग धरती से डेढ़-दो सौ फुट ऊंची चट्टान जैसी पहाड़ी पर बना हुआ है। दुर्ग के भीतर कई महल हैं। एक विशाल कुंआ भी बना हुआ है। दुर्ग के उत्तर की ओर एक तालाब है।

साहित्य

प्रस्तावना

अकबर के राज्यारोहण के समय राजस्थान में ग्यारह रियासतें थीं जिनमें से मेवाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर तथा प्रतापगढ़ पर गुहिल, जोधपुर एवं बीकानेर पर राठौड़,...

2. दोस्ती

मध्यकालीन भारत

केसरोली दुर्ग

यह दुर्ग धरती से डेढ़-दो सौ फुट ऊंची चट्टान जैसी पहाड़ी पर बना हुआ है। दुर्ग के भीतर कई महल हैं। एक विशाल कुंआ भी बना हुआ है। दुर्ग के उत्तर की ओर एक तालाब है।

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग

कर्नल टॉड के अनुसार भैंसरोड़गढ़ का नाम भैंसाशाह नामक व्यापारी तथा रोड़ा नाम के बंजारा के नाम पर पड़ा। उन्होंने इस दुर्ग का निर्माण अपने व्यापारी काफिलों को वर्षाकाल में पहाड़ी लुटेरों से बचाने के लिये करवाया।

नाडौल का दुर्ग

नाडोल कस्बे में नीलकंठ महादेव मंदिर के पीछे नाडोल दुर्ग के नाम मात्र के अवशेष स्थित हैं। जब महमूद गजनवी अफगानिस्तान से चलकर थार का रेगिस्तान पार करके अन्हिलवाड़ा तथा सोमनाथ को लूटने के लिये जा रहा था, तब उसने मार्ग में इस दुर्ग को तोड़ा। बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस दुर्ग को नष्ट कर दिया।

सांचोर तथा रतनुपर दुर्ग

भीमदेव अपनी राजधानी अन्हिलवाड़ा को छोड़कर सांचोर चला आया तथा मुहम्मद गजनवी के विरुद्ध मोर्चाबंदी करके बैठ गया। गजनवी ने सांचोर पर आक्रमण किया। कई दिनों की लड़ाई के बाद भीमदेव को सांचौर छोड़कर भाग जाना पड़ा।

लोद्रवा दुर्ग

प्रतिहारों की लोद्रवा शाखा इस दुर्ग पर शासन करती थी। नौवीं शताब्दी ईस्वी में यह दुर्ग भाटियों के हाथों में चला गया।

विश्व-इतिहास

केसरोली दुर्ग

यह दुर्ग धरती से डेढ़-दो सौ फुट ऊंची चट्टान जैसी पहाड़ी पर बना हुआ है। दुर्ग के भीतर कई महल हैं। एक विशाल कुंआ भी बना हुआ है। दुर्ग के उत्तर की ओर एक तालाब है।

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग

कर्नल टॉड के अनुसार भैंसरोड़गढ़ का नाम भैंसाशाह नामक व्यापारी तथा रोड़ा नाम के बंजारा के नाम पर पड़ा। उन्होंने इस दुर्ग का निर्माण अपने व्यापारी काफिलों को वर्षाकाल में पहाड़ी लुटेरों से बचाने के लिये करवाया।
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