मारवाड़ सांस्कृतिक क्षेत्र रेगिस्तान के पूर्वी किनारे की तरफ स्थित है। संस्कृत ग्रंथों में मरुस्थल को मरुवार कहा गया है जिसका अर्थ है मृत्यु का स्थल। राजस्थान बनने से पहले यह क्षेत्र जोधपुर रियासत के अधीन था जिसका प्राचीन नाम मारवाड़ रियासत था। इस रियासत की स्थापना राठौड़ों ने की थी। मालानी के राजकुमार राव चूण्डा ने मण्डोर पर अधिकार करके इस राज्य की स्थापना की। बाद में उसके वंशज जोधा ने ई.1459 में जोधपुर बसाया।
जोधपुर राज्य के राजस्थान में विलीनीकरण के बाद इसमें से जोधपुर, पाली, जालोर, नागौर तथा बाड़मेर जिलों का निर्माण किया गया था। वर्ष 2023 में कुछ नवीन जिलों का निर्माण किया गया। वर्तमान में मारवाड़ सांस्कृतिक क्षेत्र के जिलों की स्थिति इस प्रकार है-
जोधपुर संभाग: जोधपुर संभाग में जोधपुर राज्य में से बनाए गए जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, बालोतरा तथा बाड़मेर जिले रखे गए हैं।
पाली संभाग: जोधपुर राज्य में से बनाए गए पाली, जालौर तथा सांचोर जिले पाली संभाग में रखे गए हैं।
अजमेर संभाग: जोधपुर राज्य में से बनाए गए नागौर तथा डीडवाना-कुचामन जिले अजमेर संभाग में रखे गए हैं।
आजादी से पहले जैसलमेर एक अलग रियासत थी। आजादी के बाद जैसलमेर को अलग जिला बनाया गया तथा उसे जोधपुर संभाग में रखा गया।