भारत की आजादी से पहले अजमेर जिला प्रत्यक्ष ब्रिटिश शासित क्षेत्र ‘अजमेर-मेरवाड़ा’ के अंतर्गत था। अजमेर नगर की स्थापना चौहानों ने की थी। बाद में इस पर मुसलमानों का अधिकार हो गया। मुसलमानों से यह नगर पुनः राजपूतों के अधिकार में चला गया।
जब मुगल सल्तनत बिखरने लगी तो अजमेर पर मराठों का अधिकार हो गया। ई.1817 में अंग्रेजों ने मराठों से संधि करके अजमेर प्राप्त किया।
राजस्थान निर्माण के समय भी अजमेर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया किंतु ई.1950 में अजमेर को राजस्थान में सम्मिलित कर दिया गया।