Wednesday, March 27, 2024
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राजस्थान का भूगोल

दधिमती माता मंदिर गोठमांगलोद का इतिहास

दधिमती मंदिर गोठ, मांगलोद एवं दुगस्ताऊ गांवों की सीमा पर वनक्षेत्र में स्थित है। मंदिर के चारों ओर जिप्सम के विशाल भंडार हैं।

इतिहास पुरुष

राजस्थान का गौरव

चौरासी खम्भा मंदिर

कामां के चौरासी खम्भा मंदिर का पुराणों में विष्णु मंदिर के रूप में उल्लेख हुआ है। कामा ब्रजभूमि के चौरासी कोस के घेरे में स्थित है तथा भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली है।

साहित्य

प्रस्तावना

अकबर के राज्यारोहण के समय राजस्थान में ग्यारह रियासतें थीं जिनमें से मेवाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर तथा प्रतापगढ़ पर गुहिल, जोधपुर एवं बीकानेर पर राठौड़,...

2. दोस्ती

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मध्यकालीन भारत

चौरासी खम्भा मंदिर

कामां के चौरासी खम्भा मंदिर का पुराणों में विष्णु मंदिर के रूप में उल्लेख हुआ है। कामा ब्रजभूमि के चौरासी कोस के घेरे में स्थित है तथा भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली है।

दधिमती माता मंदिर गोठमांगलोद का इतिहास

दधिमती मंदिर गोठ, मांगलोद एवं दुगस्ताऊ गांवों की सीमा पर वनक्षेत्र में स्थित है। मंदिर के चारों ओर जिप्सम के विशाल भंडार हैं।

दधिमती मंदिर के शिलालेख

दधिमती मंदिर अत्यंत प्राचीन काल में बना था। इसका गर्भगृह इसके गुप्तकालीन होने की पुष्टि करता है।

मारवाड़ के प्रतिहार कालीन मंदिरों में रामकथा का शिल्पांकन

प्रतिहार कालीन मंदिरों में रामकथा के प्रसंगों का अंकन नहीं होता था किंतु ये तीनों ही मंदिर इस परम्परा के अपवाद हैं।

एकलिंगजी मंदिर

एकलिंग मंदिर हजारों साल पुराना है। मान्यता है कि मेवाड़ राज्य की स्थापना करने वाले राजा ने इस स्थान पर भगवान शिव की उपासना की थी।

विश्व-इतिहास

चौरासी खम्भा मंदिर

कामां के चौरासी खम्भा मंदिर का पुराणों में विष्णु मंदिर के रूप में उल्लेख हुआ है। कामा ब्रजभूमि के चौरासी कोस के घेरे में स्थित है तथा भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली है।

दधिमती माता मंदिर गोठमांगलोद का इतिहास

दधिमती मंदिर गोठ, मांगलोद एवं दुगस्ताऊ गांवों की सीमा पर वनक्षेत्र में स्थित है। मंदिर के चारों ओर जिप्सम के विशाल भंडार हैं।

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